सस्टेनेबल परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है की टोयोटा अपने लोकप्रिय इनोवा मॉडल का एक दमदार वेरिएंट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
नया वर्शन, जिसे Toyota Innova HyCross के नाम से लॉन्च करने जा रही है, 100% इथेनॉल द्वारा संचालित होगी।
यह एक ऐसा कदम है जो पर्यावरण-अनुकूल और अल्टरनेटिव फ्यूल समाधान की ओर एक परफेक्ट बदलाव के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।
Toyota Innova HyCross की लॉन्च डेट: नितिन गडकरी द्वारा अनावरण
इस इनोवेटिव लॉन्च की घोषणा किसी और ने नहीं बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जी ने की थी।
सस्टेनेबल मोबिलिटी के समर्थक श्री गडकरी ने खुलासा किया कि 100% इथेनॉल-ईंधन Toyota Innova HyCross का भव्य अनावरण 29 अगस्त, 2023 को होने वाला है।
Toyota Innova HyCross और इथेनॉल-ईंधन वाले वाहनों का महत्व
श्री गडकरी ने पेट्रोलियम आयात पर विदेशी मुद्रा व्यय को कम करने और साथ ही आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा देने में इथेनॉल जैसे जैव ईंधन के अत्यधिक महत्व पर जोर दिया।
यह कदम कार्बन एमिशन्स को कम करने और क्लाइमेट चेंज के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने की आवश्यकता के बारे में बढ़ती देश विदेश में जागरूकता के साथ अच्छी तरह मेल खाता है।
Toyota Innova HyCross दुनिया की पहली BSVI स्टेज 2-अनुपालक फ्लेक्स-फ्यूल कार
आगामी इथेनॉल-संचालित Toyota Innova HyCross न केवल अपने ईंधन स्रोत के मामले में अग्रणी होगी, बल्कि दुनिया की पहली BSVI stage 2-compliant flex-fuel car का खिताब भी हासिल करेगी।
यह वास्तव में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो पर्यावरणीय स्थिरता और तकनीकी इनोवेशन के प्रति टोयोटा की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
श्री गडकरी ने अपनी घोषणा केवल वाहन तक ही सीमित नहीं रक्खी।
उन्होंने आगामी सड़क परियोजनाओं के लिए अपनी महत्वाकांक्षी दृष्टि पर भी प्रकाश डाला, जिसकी कीमत चौंका देने वाली रु. 65,000 करोड़ है, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे भी शामिल है।
इन परियोजनाओं से न केवल बेहतर परिवहन बुनियादी ढांचे में बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलने की उम्मीद है।
भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में हाइब्रिड और जीरो एमिशन वाहनों के लॉन्च में वृद्धि देखी जा रही है, यह प्रवृत्ति इथेनॉल-संचालित Toyota Innova HyCross की शुरूआत के साथ और भी अधिक गति प्राप्त करने की उम्मीद दिलाता है।
स्वच्छ और अधिक सस्टेनेबल मोबिलिटी विकल्पों की ओर यह बदलाव हरित भविष्य की दिशा में एक सही कदम है।