हैलो गाइज़, आज हम इंडिया में स्मार्टफोन यूज़र्स के लिए एक ज़रूरी डिजिटल खबर लेकर हाज़िर हैं! आज बात होगी DogeRAT की, एक ऐसा खतरनाक मैलवेयर जो चुपचाप देश भर के Android डिवाइज़ेज़ को धीरे धीरे अपना शिकार बना रहा है।
यह खतरनाक मैलवेयर खुद को टेलीग्राम पर ChatGPT और Opera Mini जैसे सिंपल ऐप्स के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भीतर ही भीतर ये कुछ सीरियस और नापाक इरादों वाला रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) है।
आइए इसकी परतों को खंगालें और जानें कि यह मैलवेयर हम लोगों के लिए कैसे खतरनाक साबित हो सकता है।
DogeRAT मैलवेयर क्या है?
मान लीजिए कि आप टेलीग्राम पर स्क्रॉल कर रहे हैं, और आपको एक ऐसा ऐप मिलता है जो पूरी तरह से वैध लगता है।
आप ये सोचकर इसे डाउनलोड करते हैं कि यह आपके स्मार्टफोन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचाने वाला है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिंपल ऐप के भेष में छुपा हुआ DogeRAT है।
इस मैलवेयर ने एक हार्मलेस ऐप की तरह दिखने की कला में महारत हासिल कर ली है, जो बड़ी ही चालाकी से यूज़र्स को अपने जाल में फंसा लेता है।
DogeRAT मैलवेयर कर सकता है आपका फ़ोन हैक
एक बार जब यह आपके डिवाइस में घुस जाता है, तो DogeRAT अंदर ही अंदर बड़ी चालाकी के साथ आपके डिवाइज़ में अपना काम शुरू कर देता है:
- आपके डिवाइज़ का कंट्रोल: हैकर्स आपके डिवाइज़ पर कंट्रोल हासिल कर लेते हैं, जिससे वे साइबर क्राइम के लिए आपके डिवाइज़ को अब कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
- स्पैम की बाढ़: ये आपके डिवाइस को स्पैम मैसेजेज़ से भर देने की क्षमता रखता है, जो आपकी डिजिटल दुनिया में तबाही फैला सकता है।
- अनधिकृत पेमेंट्स: DogeRAT अनधिकृत पेमेंट्स भी कर सकता है, यानी ये चुटकियों में आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकने का माद्दा भी रखता है।
- फाइल से छेड़छाड़: ये आपकी फाइलों से भी छेड़छाड़ कर सकता है – ये मैलवेयर उन्हें करप्ट कर सकता है या उन्हें डिलीट भी कर सकता है।
- फोटो कैप्चर: और सबसे डरावनी बात तो ये है कि DogeRAT आपके कैमरे को हाईजैक कर सकता है और आपकी जानकारी के बिना तस्वीरें खींच सकता है।
- कीस्ट्रोक रिकॉर्डिंग: यह आपके कीबोर्ड पर हर टैप को रिकॉर्ड करने की ताकत भी रखता है, जिसका मतलब है कि आपके पासवर्ड खतरे में पड़ सकते हैं।
- लोकेशन ट्रैकिंग: आपको पता भी नहीं चलेगा कि आपकी लोकेशन को कोई हैकर ट्रैक कर रहा है – DogeRAT आपके लोकेशन की जानकारी को चुरा सकता है।
- ऑडियो रिकॉर्डिंग: आपकी इजाज़त के बिना ये आपके डिवाइज़ में ऑडियो रिकॉर्ड करके आपकी प्राइवसी की धज्जियां उड़ा सकता है।
DogeRAT मैलवेयर पर सरकार की चेतावनी और साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी चिंताएँ
इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री इस खतरे को गंभीरता से ले रहा है।
उन्होंने एक कड़ी चेतावनी जारी की है, जिसमें बिना वेरीफाई किये हुवे सोर्सेज़ से ऐप्स डाउनलोड न करने की सलाह दी गई है और अपने स्मार्टफोन को अपडेट रखने और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने के महत्व पर ज़ोर दिया गया है।
इस कदम को DogeRAT और इसी तरह के खतरों के खिलाफ आपके बचाव के तरीके के रूप में देखा जा सकता है।
एक ग्लोबल शिकारी
DogeRAT का असर केवल इंडिया तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये दुनिया भर में तबाही मचा रहा है! खास तौर पर बैंकिंग और एंटरटेनमेंट से जुड़े क्षेत्रों में।
डिवाइज़ेज़ में घुसपैठ करने, स्पैम भेजने, अनधिकृत पेमेंट्स को अंजाम देने, फाइलों के साथ छेड़छाड़ करने, तस्वीरें खींचने, लोकेशन को ट्रैक करने और ऑडियो रिकॉर्ड करने की इसकी क्षमता हर जगह व्यक्तियों और संगठनों के लिए एक ज़बरदस्त खतरा बन सकता है।
DogeRAT मैलवेयर से कैसे बचे: आप अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं
इस गुप्त खतरे से खुद को बचाने के लिए, आपको नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
- ऑफिशियल ऐप स्टोर के अलावा ऐप्स को डाउनलोड न करें: किसी भी अननोन सोर्स या ऐप स्टोर से बचें और कोई भी ऐप डाउनलोड करने के लिए ऑफिशियल या विश्वसनीय सोर्सेज़ का ही इस्तेमाल करें।
- फर्ज़ी ईमेल से सावधान रहें: अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए किसी ईमेल पर क्लिक न करें – उसमें डेंजर वायरस वाले लिंक या अटैचमेंट छिपे हो सकते हैं।
- जानकार बनिए: इस बात को जानने के लिए कि आपको कैसे सावधान रहना चाहिए और अपने डिवाइज़ को कैसे सेफ रखा जा सकता है, साइबर सेफ्टी से लेटेस्ट अपडेट्स को फॉलो करते रहें।
DogeRAT मैलवेयर: सरकारी कर्मचारियों को हाई अलर्ट
अगर आप सरकारी नौकरी करते हैं तो इन सावधानियों पर विशेष ध्यान दें।
UIDAI और AIIMS सहित भारत में सरकारी संस्थानों पर साइबर हमलों की हालिया लहर साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कदमों को मज़बूत करने की ज़रूरत पर लगातार ज़ोर दे रहा है।
DogeRAT मैलवेयर कैसे काम करता है?
DogeRAT अकेले काम नहीं करता है। ये साइबर खतरों के एक बड़े जाल का हिस्सा है।
यह टेलीग्राम बॉट से जुड़ने के लिए NodeJs में Java पर चलने वाले सर्वर-साइड कोड का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से फैलता है।
यहाँ तक कि टेलीग्राम चैनलों पर भी इसका विज्ञापन किया जाता है, जो यूज़र्स को स्क्रीनशॉट कैप्चर, कीलॉगिंग और अलग अलग तरह के प्रीमियम फीचर्स को दिखाकर अपने जाल में फँसा रहा है।
मैलवेयर यूज़र्स को और अधिक धोखा देने के लिए नकली URLs को प्रदर्शित करके उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहा है।